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ए टी एम्-सुविधा भी सिर दर्द भी

ए टी एम्-सुविधा भी सिर दर्द भी 

चौबीस घंटे ओर सातो  दिन नगदी पास रखने के तनाव से पूरी मुक्ती का नाम है ए टी एम्-सुविधा . पर स्थिति यह भी होती है जब कभी अचानक आवश्यकता पड़ गई , ए टी एम गए तो एक पर्चा चिपका मिला –मशीन खराब है. या फिर मशीन मे पैसे नहीं थे ,सॉरी की पर्ची मिल गई. । कभी मशीन ठीक मिल भी गयी और आपने ए टी एम मशीन मे कोड़ डाला , पैसे तो नहीं निकले , पर्ची निकल आई ,दस हज़ार कट गए और यह पता तक नहीं चलता भूल कहा हुई.

ऐसे  मामलो  मे आप तुरंत ओम्बड्स्मन को शिकायत कर सकते है जो बैंक संबधी  मामलो मे जांच करके शिकायत का निवारण करते है । ओम्बड्स्मन बैंक से दिन प्रति दिन का लेखा जोखा मांगा कर सही स्थिति की जांच करते है कि  किस दिन कितने पैसे की निकासी हुई।गलती इस तरह पकड़ मे आ जाती है । 

उपभोक्ता अदालत भी आपकी मदद कर सकती है,जो आपके पास अतिरिक्त विकल्प है । आप इसे धोखा हो गया न कहे ,यह बैंक के विरूद्ध सेवा मे कमी का मामला बन सकता है और यदि बेंक आपकी बात न सुने तो बैंक द्वारा अनुचित व्यवहार पद्धति भी .  

सुमित ने छ बार एटीएम से दस हज़ार निकालने की कोशिश की ।तीन  बार सौरी  की पर्ची बाहर आई पर चोथी  बार बॅक स्टेटमेंट मे दस  हज़ार की कटोती दिखाई गई जब कि पैसे इस बार भी नहीं निकले। बैंक ने दायित्व लेने से इंकार कर दिया तथा ट्रांसेक्शन को सफल बताया ।जांच पड़ताल पर पता चला कि मशीन  कई दिनो से खराब चल रही थी तथा अधिक पैसा निकाल रही थी जिस के कारण उसे हटाने की नोटिंग भी बैंक मे  हो चुकी थी । उपभोक्ता अदालत ने  जब सी सी टीवी की फुटेज  मांगी  तो केमरा  भी खराब पाया गया ओर सीसीटीवी फुटेज  भी उपलब्ध नहीं हो सकी। अदालत ने बॅक को दस हज़ार उपभोक्ता को लोटाने के आदेश दिये।

 कुछ मामलो मे तो कार्ड आपके पास है ओर पैसा किसी दूसरे शहर /राज्य मे एटीएम से निकाल लिए गए । इस प्रकार के मामलो मे कार्ड की  क्लोनिंग करने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता ।बैंक का दायित्व बनाता है कि मामले की जांच कराये,बैंक इसे आपराधिक मामला कह केर ताल नहीं सकता .  

किन्तु कुछ मामलो मे हमारी अपनी लापरवाही भी होती है।    सुमन ने पिछले दो महीनो से ए टी  एम का प्रयोग नहीं किया ,आवश्यकता ही नहीं पड़ी । आज जब बैंक जा कर पास बूक मे एंट्री कराई तो तीस हज़ार रुपए ए टी एम के माध्यम से निकाले गए दिखाये गए।पूछ ताछ हुई , बैंक ने दायित्व लेने से इंकार किया क्योकि ए टी एम बिना पास वर्ड के काम नहीं करता ओर पसवोर्ड तो ग्राहक को ही पता होता है । छान्बीन के दौरान  सीसीटीवी कमरे की मदद से जो चेहरा सामने आया वह सुमन के ऑफिस मे साथ बैठने वाली सुधा का था । सुमन ने जब  अपना पर्स ऑफिस मे रखा ओर वशरूम गई- लगभग पाँच मिनट  की अवधी मे ही उसका ए टी  एम कार्ड निकाल लिया गया । लगभग 10.45 बजे  ऑफिस के पास ही के एटीएम से राशी निकाल ली गई ओर फिर कब कार्ड उसके पर्स मे वापिस आ गया उसे पता नहीं चला।

ऐसे ही एक मामले मे उपभोक्ता अदालत को  बैंक ने जांच करके बताया  कि स्वयं उपभोक्ता का बेटा ही समये समये पर पिता के ए टी एम  का प्रयोग करता रहा ओर बैंक पर सेवा मे कमी के मामले दायर होते रहे ।यह उस भूल का परिणाम है जब हम अपना पास वर्ड किफायत से नहीं रखते ।

दूसरी स्थिति यह होती है जब आप ए टी एम का प्रयोग कर रहे होते है ओर कोई आपके आस पास आपकी गतिविधियो पर नज़र  रखे होता है । कई बार ऐसा  होता है कि मशीन मे पास वोर्ड  भर देने के बाद पैसा नहीं निकलता। आप उसे छोड़ देते है पर आपका पसवोर्ड अभी फीड हुआ रेहता है ओर आपके बाद कोई भी उसी पसवोर्ड से पैसा ले सकता है । आपको अपनी प्रोसेसिंग को कांसेल करना होता है । कुछ गिरोह इसी ताक मे होते है ओर अपना काम कर जाते है ।

कुछ बंकों ने दूसरे बंकों के साथ समझोटा किया होता है कि उनके ग्राहक दूसरे बॅक के ए टी एम से पैसे निकाल सके । एसी व्यवस्था मे दोनों बॅक अपना दायित्व दूसरे पर डालने की कोशिश करते है । परंतु आप जिस बैंक के ग्राहक होते है ,उसी बैंक की ज़िम्मेदारी बनती है ,समझोटा दोनों बंकों का अपनिसुविध तथा व्यवसाए के लिए होता है । ट्रैंज़ैक्शन के डीटेल दूसरे बैंक से लेने मे देर लग सकती है ,इस लिए अपने बैंक के ए टी एम से ट्रैंज़ैक्शन करना प्राथमिकता होनी चाहिए । किन्तु आपका बैंक दायित्व लेने से इंकार नहीं कर सकता क्योकि यह सुविधा आपको अपने बैंक ने ही दी है ।

ए टी एम के प्रयोग के समये किस प्रकार की सावधानी की आवश्यकता होती है ,यह जानना बहुत आवश्यक है-

·         ए टी एम के प्रयोग के समाये आस पास कोई दूसरा व्यक्ति न हो जो आपके पास वर्ड को देख सके ।

·         ट्रैंज़ैक्शन मे कठिनाई होती दिखे तो उसे कंसिल करना न भूले ।

·         किसी अंजान व्यक्ती से सहायता न ले ।

·         कार्ड किसी को प्रयोग के लिए न दे न ही कोड बताए।

बैंक द्वारा की जाने वाली आवश्यक व्यवस्थाए-

·         गार्ड का होना, जो एक एक व्यक्ती को अकेले सुविधा लेने मे सहायत करे 

·         सी सी टी वी केमरा काम कर रहा हो ।

·         मशीन खराब  हो तो उसकी सूचना लिख कर रखा जाना ।

·         हेल्प लाइन की सेवाए उपलब्ध होना

यदि बैंक उपरोक्त सुविधाए नहीं देता ओर आपको कोई हानी होती है तो आप उपभोक्ता अदालत मे शिकायत कर सकते है । 

 

 

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