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मेडिकल उपस्करों के दामो पर अंकुश

मेडिकल उपस्करों के दामो पर अंकुश

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने दिसम्बर २०१६ के आदेश में सरकार को निर्देश दिए थे कि 1 मार्च २०१७ तक वह स्टंट की एमआरपी तथा सीलिंग प्राइस तय करे .हाई कोर्ट में एक वकील द्वारा फाइल इस याचिका के बाद १९ जुलाई  २०१६ के नोटिफिकेशन द्वारा फार्मेसिटीकल विभाग ने स्टंट को नेशनल लिस्ट ऑफ़ एस्सेंशियल मेडिसिन मान लिया  जिससे यह ड्रग कण्ट्रोल के अनतेरगत आ गया और इस आदेश का प्रभाव यह हुआ कि अब नेशनल फारर्मेसिटीकल  प्राइसिंग अथोरिटी सीलिंग प्राइस तय करने का प्रक्रिया शुरू कर सकती थी .

बड़ी फार्म कंपनियों को एक बड़ा झटका लगा जब २७ फ़रवरी २०१७ के एक इ-मेल से शिकायत पर नेशनल फार्म प्राइसिंग अथोरिटी ने  दस सदसिये समिति गठित कर दी और मेडिकल उपस्करों के दामो पर विश्लेषण हो गया. इससे पहले नीति आयोग ने यह तक कह दिया था की प्राइसिंग रेगुलेटर्स  तो समाप्त कर दिया जाना चाहिए क्योकि  लगभग ६३४ दवाइयों की कीमत ड्रग प्राइस कण्ट्रोल आर्डर में तय सीलिंग प्राइस से अधिक पाई गयी और सारी कवायद बेकार प्रतीत होने लगी . पहली बार आम आदमी को इतनी बड़ी रहत मिली किस्टंट की कीमत ८५% तक कम हो गयी और स्टंट को मेडिसिन्स की नेशनल लिस्ट में रखा गया

अब नेशनल फर्मेसिटीकल प्राइसिंग अथोरिटी के नोटीफ़िकेशन के अनुसार दवायुक्त स्टंट की कीमत २९६००/- होगी जो पहले ४००००/- से 1.९८ लाख तक होती थी . सामान्य धातु स्टंट की कीमत मात्र ७२६० होगी जो अब तक ३०००० से ७५००० के बीच मिलता था .सभी स्टंट उत्पादकों तथा अयातको को नोटीफ़िकेशन दर से कम दाम रखना

समिति का मानना था कि हॉस्पिटल्स को यह तय कर लेना होगा की वे स्वास्थ्य रक्षक है या स्टंट्स,ड्रग्स और अन्य उपस्करों के वितरक है उनके लिए भी यह आदेश जरी किया गया है की पेशेंट के बिल में उन्हें अलग से स्टंट का ब्रांड ,उत्पादक /आयातक का नाम /बाख नुम्बे तथा अन्य डिटेल्स देने अनिवार्य होंगे

 

यह सब इस लिए हो रहा था क्योकि प्राइस रेगुलेटर सरकार के फार्म विभाग के बीच तालमेल नहीं बैठ रहा था और सरकार की सिफारिशे अनदेखी हो रही थी.इस दिशा में हाई कोर्ट के आदेश ,तथा व्हिस्लेर ब्लोवर्स के प्रयासों ने एक सरह्निये काम केर दिया है

अभी अद्यतन स्थिति यह है की दिल्ली हाई कोर्ट में एक पी आई एल फाइल होने जा रही है क्योकि नेशनल फर्मेसिटीकल प्राइसिंग अथोरिटी को हॉस्पिटल्स के विरुद्ध नियम के उल्लंघन और पुराणी पढ़ती पैर दाम वसूलने की अनेक शिकायते मिल रही है जिनमे देश बहर के कई बड़े विख्यात हॉस्पिटल है . नियम के अनुसार स्टंट का ब्रांड तथा अलग से कीमत बताना और बिल में विशेष उल्लेख का प्रावधान रखा गया है और इस नियम का भी पालन नहीं हो रहा .

डॉ प्रेम लता

कंज्यूमर अवेकनिंग मिशन

 

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