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बैंक से ऋण

                                                                बैंक से ऋण

                लोगो की अक्सर यह शिकायत होती है कि  बैंक ने लोन का अनुमोदन नहीं किया जबकि एजेंट ने लोन दिलवाने का वादा किया था। इसके लिए पहले ऋण प्रक्रिया को समझने की आवश्यकता है । ऋण लेने के लिए  आवश्यक दस्तावेज़ पूरे करने आवश्यक होते है ।  ऋण का अनुमोदन बैंक की पॉलिसी तथा दस्तावेजो के आधार पर होता है जिस पर कोई समझोता नहीं किया जा सकता न ही बैंक के निर्णय पर प्रश्न उठाया जा सकता है । एजेंट  या बैंक का अधिकारी आपके दस्तावेज़ लेकर प्रोसैस पूरा करता है ओर इसलिए प्रोसेसिंग फीस वापिस नहीं होती। आपके दस्तावेज़ पूरे न होने या सही न होने पर ऋण देना  मना हो सकता है। इसलिए ऋण लेने की बात सोचने से पहले यह जान ले कि क्या दस्तावेज़ आवश्यक है ओर क्या आप वे सब दस्तावेज़ जुटा पायेंगे।आपके दस्तावेज़ कम पाये जाने पर भी प्रोसेसिंग फी तो आप दे ही चुके होंगे ओर वह चेक आपसे अलग ले लिया जाता है ।  

                वाहन  के लिए ऋण लेकर मासिक किश्तों को न चुकाना आपको महगा पड़ सकता है । हर किश्त पर  पीनल व्याज लग सकता है ओर नोटिस देने पर भी किश्त जमा न होने पर वाहन  उठा लिया जा सकता है, बैंक  उसे बेच कर ऋण की राशी ले सकता है ।ऐसे मे आपका वाहन  कम कीमत पर भी बिक जा सकता है ।  यह एक भ्रांती है जनता के मन मे कि  बैंक वाहन  नहीं उठा सकता। कानूनी तरह से नोटिस देने पर शर्तो के अनुसार गाड़ी को बैंक  कब्जे मे ले सकता है । केवल गुंडागर्दी या अन्य गलत तरीको के लिए तथा बिना नोटिस दिये कार्यवाही करने के लिए  बैंक के विरूद्ध अदालतों के आदेश है। 

                आपने अपने दोस्त को ऋण दिलाने के लिए गारंटी दी है तो जान लीजिये बैंक ऋण के चुकता न होने पर ऋण की राशी आपसे भी वसूल कर सकता है । आवश्यक नहीं कि  पहले ऋण लेने वाले को ही पकड़ा जाए ।

                ए सी लेने के लिए लोन लिया, ए सी ठीक नहीं चला, डीलर से विवाद चल रहा है पर आपको लोन चुकाना ही होगा ।

                आपकी मुश्किलों का कारण आपकी जानकारी का अभाव होता है। जैसे बिल्डर से मकान बनवाने के लिए आपने लोन लिया ।कुछ किशते बैंक ने रिलीज़ कर दी।  मकान बनने मे कई अडचने आने लगी।  बैंक ने लोन देना बंद कर दिया क्योकि बैंक की इन्सपैक्शन रिपोर्ट के अनुसार बिल्डर के  जमीन के दस्तावेज़ पूरे नहीं थे ,अथॉरिटी से जमीन देने का अनुमोदन ही नहीं हुआ था । आपने बिज़नस के लिए लोन लिया ,पहली किश्त भी मिल गई दूसरी किश्त से पहले लोन का अनुमोदन कंसिल कर दिये गए । आपने जिस प्रोजेक्ट के लिए लोन लिया था वह शुरू ही नहीं हुआ ,कोई मशीने नहीं लगी ,बताये  गए पते पर काम के कोई चिन्ह नहीं दिखे।आपको दो किश्तों का काम दिखाना था । 

 किन्तु यदि आप सजग रह कर काम कर रहे है फिर भी आपके साथ गलत होता है तो आप अपनी शिकायत ऑम्ब्ड्स्मैन या उपभोक्ता अदालत मे कर सकते हैं ।

महाराष्ट्र के शैलजा प्रफुल चंदर ने पर्सनल लोन लिया।  पहली दो किश्तों के लिए चेक जमा कराये ओर बाकी 28 किशते एलेक्ट्रोनिक ट्रान्सफर से चुकाए । बैंक ने चेक जमा नहीं कराये,दो किशते बकाया दिखा कर कस्टमर का  नाम डिफ़ाल्टर सूची मे डाल दिया जिससे सभी बंकों ने उसे लोन देने से मना कर दिया ।उपभोक्ता अदालत ने बैंक को मुआवजा देना के आदेश दिये ।राजस्थान के सुरेश कुमार शर्मा की भी सभी किशते ई सी एस के द्वारा बैंक मे जमा हो गई पर दो दिन तक उसे सुरेश कुमार के खाते मे जमा नहीं दिखाया गया ओर फिर पेनलिटी लगा दी गई । उपभोक्ता कमीशन ने इसे गंभीर लापरवाही का मामला माना ।  

                ऐसे ऋण संबधी  बहुत से मामले होते है जिसमे आपको बैंक से शिकायत होती है।  अपनी इन्शुरेंस पॉलिसी लोन लेने के लिए जमा कराई ,लोन चुकता हो जाने पर दस्तावेज़ नहीं मिल रहे । हाउस लोन लिया ,मकान की आरिजिनल दस्तावेज़ बैंक नहीं दे पा रहा।  आपने लोन लेने के लिए बैंक मे गोल्ड रेहन रखा, एक ही किश्त न चुकाने पर बिना सूचना आपका गोल्ड बेच दिया गया ।इन सब बातो  के लिए भी आप रेसेर्व बैंक की पॉलिसी के अनुसार ऑम्ब्ड्स्मैन के पास शिकायत कर सकते है या उपभोक्ता अदालत का विकल्प चुन सकत है ।यही नहीं ऑम्ब्ड्स्मैन के निर्णय से असंतुष्ट होने पर भी उपभोक्ता अदालत जा सकते है । 

आवश्यक बाते

•             बैंक का कोई भी दस्तावेज़ बिना पड़े या समझे हस्ताक्षर न करे । नियमो तथा शर्तो को जान लेने के बाद निर्णये ले ।

•             ऋण की पॉलिसी तथा आवश्यक दस्तावेजो की जानकारी लिए बिना प्रोसैस शुरू न कराये ,प्रोसैस फी  अनुमोदन होने की गारंटी नहीं होता ।

•             किसी भी लोन की पेमेंट मे कोताही पर पीनल व्याज लग सकता है ।

•             गारंटी देने के साथ ही आप ऋण का पूरा दायित्व अपने पर लेते है ,गारंटर के रूप मे हस्ताक्षर सोच कर करे ।

•             ई सी एस का फार्म हस्ताक्षर करने से पहले जांच ले कि ट्रान्सफर कब शुरू होना है ओर कितनी किशते जानी है ।बैंक मेव पैसा होना चाहिए ओर आपकी गलती से अधिक किशते भी न चली जनये ।  एक बार आपने साइन कर दिये तो बैंक आपका पैसा ट्रान्सफर करने के लिए बाध्य होगा क्योकि यह आपका ही आदेश होता है ।

•             बैंक को दिये गए चेको पर हस्ताक्षर की जांच कर ले ,भूल से हस्ताक्षर न होने ओर चेक वापिस होने का भुगतान/ पेनल व्याज  भी आपको भरना होगा। 

•             प्राइवेट बिल्डर से मकान बनवाने के लिए लोन लेने से पहले बिल्डर के जमीन के  दस्तावेज़ अवश्य देखे ,कोई कमी होने पर बैंक किशते देना बंद कर सकता है ओर जितनी किशते बैंक ने दे दी उसका भुगतान आपको करना होगा।

 

प्रेम लता 

  

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